
Adhyatmik Gyan
April 10, 2023
कलियुग अभी 40 हज़ार वर्ष का बच्चा नहीं; अपितु अंतिम श्वासों पर है।
- Blog
- 21 May 2023
- No Comment
- 377
कलियुग अंत की निशानी में मारकण्डेय ऋषि चेतावनी देते हुए कहते हैं :-

Categories
- 1. कलियुग के अंतिम भाग में प्रायः सभी मनुष्य मिथ्यावादी हो जाते हैं। शासन में छली, पापी, असत्यवादी लोग प्रमुखता पाए जाते हैं।
- 2. वृक्षों पर फल और फूल बहुत कम हो जाएँगे और उन पर बैठने वाले पक्षियों की विविधता भी कम हो जाएगी। ऋतुएँ अपने-2 समय का परिपालन त्याग देंगी। वन्य जीव, पशु-पक्षी अपने प्राकृतिक निवास की बजाए नागरिकों के बनाए बगीचों और विहारों में भ्रमण करने लगेंगे। संपूर्ण दिशाओं में हानिकारक जन्तुओं और सर्पों का बाहुल्य हो जाएगा। वन-बाग और वृक्षों को लोग निर्दयतापूर्वक काट देंगे।
- 3. युवक अपनी युवावस्था में ही बूढ़े हो जाएँगे, 16 वर्ष में ही उनके बाल पकने लगेंगे। उनका स्वभाव बचपन और किशोरावस्था में ही बड़ों जैसा दिखने लगेगा।
- 4. चारों ओर अपराध और रक्तपात का बोलबाला हो जाएगा। हिंसा में लोगों का मन ज़्यादा लगेगा। अधर्म-ही-अधर्म चारों ओर फैल जाएगा और जो धर्म में तत्पर होगा, उसके समक्ष कठिनाइयाँ-ही-कठिनाइयाँ खड़ी हो जाएँगी, उसका जीवन अत्यंत कठिन हो जाएगा। धर्म तो कहीं टिकेगा ही नहीं, धर्म का बल घट जाएगा और अधर्म बलवान हो जाएगा।
- 5. भूमि में बोये हुए बीज ठीक प्रकार से नहीं उगेंगे। खेतों की उपजाऊ शक्ति समाप्त हो जाएगी। लोग तालाब-चारागाह, नदियों के तट की भूमि पर भी अतिक्रमण करेंगे। समाज खाद्यान्न के लिए दूसरों पर निर्भर हो जाएगा।
- 6. बाजार में झूठे माप-तौल के आधार पर विक्रय प्रक्रिया स्थापित हो जाएगी। व्यवसायी भी बहुत धूर्त होंगे। सत्य और ईमानदारी पर चलने वाले धर्मात्मा दरिद्रता का जीवन जीने को विवश होंगे।
- 7. लोग सड़कों पर रात बितायेंगे।
- 8. मनुष्यों में पशुओं और न करने योग्य भोगों (समलिंगी) के साथ अप्राकृतिक यौनाचार बढ़ने लगेगा।
- 9. लोग कन्याओं की चाह रखना बंद कर देंगे।
- 10. कन्यादान पूर्वक विवाह प्रथा की जगह युवक-युवती स्वयं निर्णय लेकर साथ रहने लगेंगे; पर वे एक-दूसरे के विचार-व्यवहार-कार्य को ज़्यादा नहीं सहेंगे। दूसरे पुरुषों और नारियों से मित्रता में उन्हें आनंद आएगा। अपनों के प्रति वे कठोर हो जाएँगे।
- 11. अमावस्या के बिना ही राहू सूर्य पर ग्रहण लगाएगा।
- 12. गरीब लोग और अधिकांश प्राणी भूख से बिलबिलाकर मरने लगेंगे। चारों ओर प्रचण्ड तापमान, संपूर्ण तालाबों, सरिताओं और नदियों के जल को सूखा देगा। लंबे काल तक पृथ्वी पर वर्षा होनी बंद हो जाएगी।
13. गौवंश जब नष्ट होने लगेगा तब समझ लेना कि युगान्त काल उपस्थित हो गया है। - https://adhyatmikgyan.in/
Recent Posts
- संगठन क्लास 08.06.2025 | VCD 2416 |आत्मा का उत्थान | विचार सागर मंथन | Questions Answer | Adhyatmik Gyan
- रूहानी मिलिट्री l Ruhani Military l रूहानी मिलिट्री के योद्धा कैसे बनें? -आध्यात्मिक ज्ञान
- Today Murli | VCD 4001 | बाबा ने ऐसे क्यों कहा शास्त्र सभी झूठे हैं ? | आध्यात्मिक ज्ञान (AIVV)
- NEW YEAR Special Murli | नए वर्ष में सेवा के लिए अटेंसन | नए साल में आपस में मिलकर प्लेन बनाओ –आध्यात्मिक ज्ञान (AIVV)
- Today Murli | VCD 601 | “आत्मा की शुद्धता और पारलौकिक जन्म का रहस्य” | आध्यात्मिक ज्ञान (AIVV)
उपर्युक्त कलियुगांत की निशानियां वर्तमान समय देखने में तो आ ही रही हैं तो इसे महाभारत का समय नहीं कहेंगे तो क्या कहेंगे?
नज़ूमियों की भविष्यवाणी है कि 5000 वर्ष पहले भी 8 ग्रह आकर इकट्ठे हुए थे और महाभारी महाभारत लड़ाई लगी थी। अब ज़रा बुद्धि से काम लो कि यह वो ही गीता वाला समय तो पुनरावृत नहीं होने जा रहा है! अगर वो ही आठ ग्रह आकर इकट्ठे हुए हैं तो यह लड़ाई भी वो ही महाभारत लड़ाई माननी चाहिए जिससे 16 कला स. सतयुगी स्वर्ग की स्थापना हुई थी। फिर इसमें डरने वा घबराने की क्या बात है। यह महाभारत लड़ाई ही स्वर्ग के द्वार खोलने जा रही है।
निकट भविष्य में महाभारत युद्ध
महाभारत युद्ध -आज सम्पूर्ण विश्व के सामने महाभारत युद्ध खड़ा है जिसे ‘कयामत’ भी कह सकते हैं। ये महाभारत युद्ध कोई द्वापर में नहीं हुआ है
Post Views: 328