आध्यात्मिक ज्ञान

श्रीमद् भगवद्गीता

'श्रीमद् भगवद्गीता' सम्पूर्ण विश्व में मानवजाति के लिए भगवान का वर्बली दिया हुआ भारतीय अमूल्य उपहार है। भगवद्गीता ही एक ऐसा शास्त्र है जिसको 'सर्वशास्र शिरोमणि' कहा गया है। ऐसी विलक्षण रचना है, जिसको ही 'भगवानुवाच' की मान्यता प्राप्त है। जो महर्षि वेदव्यास द्वारा लिखी गई है। गीता (18/75) में बताया है "व्यासप्रसादात्" अर्थात् व्यास की प्रसन्नता से यह गीता-ज्ञान हमको मिला है। गीता के सभी अध्यायों को विस्तार से पढ़ने के लिए निचे दिए गये बटन पर क्लिक करें..

This page is Amazing

"गीता में काम विकार को महाशत्रु की संज्ञा दी गई है। दुनिया वाले इस बात को इसलिए स्वीकार नहीं करते; क्योंकि गीता के तथाकथित (झूठे) रचयिता श्री कृष्ण (उर्फ ब्रह्मा) की 8 पत्नियाँ और 16,108 गोपियाँ शास्त्रों में प्रसिद्ध हैं। यदि गीता ज्ञान दाता के रूप में महादेव शिव-शंकर का नाम आया होता तो संसार काम महाशत्रु वाली बात को सहज स्वीकार कर लेता, क्योंकि शंकर तो एक पत्नीव्रता या कामदेव को भस्म करने वाले के रूप में प्रसिद्ध है।"

गीता के निराकार भगवान ..पृ48

वसुधैव कुटुंबकम् (AIVV)

इस WhatsApp Channel को Follow किये क्या ?

Follow WhatsApp Channel

अध्यात्म से सम्बंधित अनेक प्रश्नों के समाधान
Click Here
Course
Home
Search