सेवा करने के लिए पहले स्वयं में शुद्ध संकल्प चाहिए । तथा अन्य संकल्पों को सेकेण्ड में कन्ट्रोल करने का विशेष अभ्यास चाहिए।
समस्याओं का कारण है व्यभिचार इम्प्यूरिटी। उसका निवारण है प्यूरिटी।
परित्रानायम साधुनाम - जिनके पास हम आज तक मार्गदर्शन हेतु भटक रहे, उन धर्म गुरु, साधू-संतों की भी रक्षा एवं उद्धार जब एक परमपिता परमात्मा से होना है, तो सीधे उस परमपिता परमात्मा को जानने का प्रयास क्यों न करें ?
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